हरियाणा में पश्चिमी विक्षोभ से फसलों पर मंडराया खतरा, इन जिलों में बारिश और ओलावृष्टि से मचेगा धमाल

हरियाणा में मौसम का मिजाज (Mood) एक बार फिर बदलने को तैयार है। पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के असर से 27 फरवरी से राज्य के कई इलाकों में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है।
खास बात यह है कि इस बार सिर्फ बारिश ही नहीं बल्कि तेज हवाओं (Strong Winds) और ओलावृष्टि (Hailstorm) का भी खतरा बना हुआ है। इससे किसानों (Farmers) की चिंता बढ़ गई है क्योंकि रबी सीजन की गेहूं और सरसों जैसी फसलें पककर तैयार हो रही हैं।
1 मार्च तक रहेगा बारिश का सिलसिला
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ 1 मार्च तक सक्रिय रहेगा। इस दौरान हरियाणा के अंबाला, पंचकूला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर सहित कुल 17 जिलों में मध्यम बारिश (Moderate Rain) की संभावना है। वहीं, कुछ इलाकों में हल्की बूंदाबांदी (Drizzle) के साथ गरज-चमक भी हो सकती है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि बादलों की आवाजाही (Cloud Movement) बनी रहेगी और हवाओं की गति (Wind Speed) में उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा। अनुमान है कि हवाएं 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं। इससे तापमान (Temperature) में गिरावट होगी और ठंडक (Coolness) में बढ़ोतरी होगी।
फसलों पर खतरे की घंटी
अब तक मौसम (Weather) किसानों का साथ दे रहा था, लेकिन इस बदलाव ने उनकी नींद उड़ा दी है। खेतों में सरसों और गेहूं (Wheat & Mustard) की फसलें लगभग तैयार खड़ी हैं, और ऐसे में बारिश और ओलावृष्टि का आना भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
किसानों का कहना है कि बारिश अगर हल्की रही, तो फसल को फायदा हो सकता है, लेकिन तेज बारिश और ओलावृष्टि से बड़ा नुकसान हो सकता है। खासकर जिन इलाकों में गेहूं की बालियां (Wheat Spikes) निकल आई हैं, वहां पानी भरने से दाना कमजोर हो सकता है।
हरियाणा मौसम अपडेट (Haryana Weather Update)
पिछले 24 घंटों की बात करें, तो हरियाणा में मौसम ने कई रंग दिखाए। गुरुग्राम (Gurgaon) में न्यूनतम तापमान 12.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 4.4 डिग्री ज्यादा था। वहीं, महेंद्रगढ़ (Mahendragarh) में अधिकतम तापमान 32.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 5.1 डिग्री ज्यादा रहा।
अब IMD के मुताबिक, बारिश के बाद न्यूनतम और अधिकतम तापमान (Minimum & Maximum Temperature) में गिरावट देखने को मिलेगी। यानी ठंड (Cold) का एक और स्पेल (Spell) दस्तक दे सकता है।
किसानों को सलाह
मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। खासकर किसानों को फसलों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने चाहिए। ओलावृष्टि की स्थिति में खेतों को पॉलिथीन (Polythene) या अन्य किसी ढकने वाले साधन से बचाया जा सकता है।
इसके अलावा तेज हवाओं से बचाव के लिए फसलों को मजबूत सहारा देने की जरूरत है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर बारिश तेज होती है तो खेतों में जलभराव (Waterlogging) से बचने के लिए सही निकासी (Drainage System) का ध्यान रखना चाहिए।
अगले कुछ दिनों तक कैसा रहेगा मौसम?
27 फरवरी: हल्की बारिश और बूंदाबांदी की संभावना
28 फरवरी: बादल छाए रहेंगे, तेज हवाओं के साथ कुछ जगहों पर मध्यम बारिश
29 फरवरी: गरज-चमक के साथ हल्की बारिश, ओलावृष्टि संभव
1 मार्च: बारिश का असर धीरे-धीरे कम होगा, लेकिन बादल छाए रह सकते हैं