thlogo

Forex Reserve : भारत के पास पर्याप्त विदेशी मुद्रा भंडार, चिंता करने की जरूरत नहीं : अजय सेठ

Dollar vs Rupee: सेठ ने बताया विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है. यह कोई चिंता वाली बात नहीं है. डॉलर के मुकाबले रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर 81.67 पर आ गया था.
 
Ajay Seth, Dollar vs Rupee, forex reserve, Economic affairs secretary, hindi news, latest news in hindi, google news in hindi, breaking news in hindi, zee news hindi, google news in hindi, zee news hindi, business news in hindi, utility news in hindi, अजय सेठ, central bank, RBI, nirmala sitharaman, USD in inr, न‍िर्मला सीतारमण, भारतीय रुपया"

Dollar vs Rupee: विदेशी मुद्रा भंडार में कमी की क‍िसी भी बात को सरकार की तरफ से खार‍िज क‍िया गया है. आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ (Ajay Seth) ने विदेशी मुद्रा भंडार पर क‍िसी भी तरह की चिंता को खारिज क‍िया है. उन्‍होंने कहा इसे जरूरत से ज्‍यादा तूल दिया जा रहा है. अजय सेठ ने बताया क‍ि मौजूदा स्थिति से पार पाने के लिए देश के पास पर्याप्‍त विदेशी मुद्रा भंडार है. आपको बता दें उनका यह बयान उस समय आया है जब लगातार सातवें सप्ताह व‍िदेशी मुद्रा भंडार घटा है.
रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर पर
आपको बता दें 16 सितंबर को ग‍िरकर 545.65 अरब डॉलर पर आ गया है. इससे पहले मार्च, 2022 में यह 607.31 अरब डॉलर था. सेठ ने बताया विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आने का कारण विदेशी मुद्रा प्रवाह में कमी और व्यापार घाटा बढ़ना है. यह कोई चिंता वाली बात नहीं है. डॉलर के मुकाबले रुपया अबतक के सबसे निचले स्तर 81.67 पर आ गया था.
14.31 लाख करोड़ की बाजार उधारी का लक्ष्य
अजय सेठ कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.4 प्रतिशत रखने के लक्ष्य पर सरकार कायम है. इसे हासिल किया जाएगा. सरकार ने बजट 2022-23 में 14.31 लाख करोड़ रुपये की बाजार उधारी का लक्ष्य रखा है. इसमें से 8.45 लाख करोड़ रुपये चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही अप्रैल-सितंबर में जुटाने का लक्ष्य है. मुद्रा भंडार में कमी का प्रमुख कारण वैश्विक गतिविधियों की वजह से रुपये की विनिमय दर में गिरावट को थामने के लिए रिजर्व बैंक की तरफ से किया गया डॉलर का उपयोग है.
दूसरे देशों की मुद्रा में ज्‍यादा ग‍िरावट आई
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि वृहद आर्थिक बुनियाद मजबूत होने से रुपये की स्थिति बेहतर है. अमेरिकी डॉलर के मुकाबले अन्य देशों की मुद्राओं में जिस दर से गिरावट आई है, वह भारतीय रुपये की तुलना में कहीं अधिक है. आपको बता दें ब्रिटिश पाउंड डॉलर के मुकाबले टूटकर 40 साल के निचले स्तर पर चला गया है.

ऊंचे मुद्रा भंडार का फायदा
आयात का भुगतान और विदेशी कर्ज व उसका ब्याज चुकाने लिए डॉलर की जरूरत होती है. इसके लिए किसी भी देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार होना जरूरी होता है. भारत कच्चे तेल का 80 प्रत‍िशत और खाद्य तेल का 60 फीसदी आयात करता है. इसके अलावा जरूरी दवाओं और मशीनरी का भी आयात करता है. भारत का आयात खर्च हर महीने करीब 40 अरब डॉलर है. इस समय विदेशी मुद्रा भंडार 545 अरब डॉलर है. फ‍िलहाल की स्‍थ‍ित‍ि में भारत के पास 14 महीने के आयात खर्च के बराबर विदेशी मुद्रा भंडार है.(इनपुट भाषा)