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Wheat Price 2023: गेहूं के दामों में फिर से आएगी मंदी, केंद्र सरकार ने बनाई ये खास योजना..

Wheat Rate Today: सरकार जल्द बढ़ती दर को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी. ओएमएसएस नीति (OMSS) के तहत सरकार समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को खुले बाजार में पूर्व-निर्धारित कीमत पर खाद्यान्‍न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने के लिए सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (FCI) को अनुमति देती है
 
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Wheat Price Hike News: प‍िछले द‍िनों गेहूं और आटे की कीमत में तेजी से इजाफा हुआ है. इसका असर महंगाई के रूप में देखा जा रहा है. अब गेहूं और इसके बने आटे की कीमत में आ रही तेजी को रोकने के ल‍िए सरकार अपने बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं और गेहूं का आटा खुले बाजार में बेचेगी. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. आटे की औसत कीमत बढ़कर करीब 38 रुपये प्रति किलो हो गई हैं. सूत्रों ने बताया कि खाद्य मंत्रालय मुक्त बाजार बिक्री योजना (OMSS) के तहत 30 लाख टन गेहूं की खुले बाजार में बिक्री करेगा. बाकी लोगों के अलावा आटा मिलों और व्यापारियों को गेहूं का स्टॉक बेचा जाएगा.
खुले बाजार की कीमत पर लगाम लगाने का उद्देश्‍य
खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने 19 जनवरी को कहा था कि गेहूं और आटे की खुदरा कीमतें बढ़ गई हैं और सरकार जल्द बढ़ती दर को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाएगी. ओएमएसएस नीति (OMSS) के तहत सरकार समय-समय पर थोक उपभोक्ताओं और निजी व्यापारियों को खुले बाजार में पूर्व-निर्धारित कीमत पर खाद्यान्‍न, विशेष रूप से गेहूं और चावल बेचने के लिए सरकारी उपक्रम भारतीय खाद्य निगम (FCI) को अनुमति देती है. इसका उद्देश्य जब खास अनाज का मौसम न हो, उस दौरान इसकी आपूर्ति बढ़ाना और सामान्य खुले बाजार की कीमतों पर लगाम लगाना है.
गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टॉक
चोपड़ा ने पिछले हफ्ते कहा था, 'हम देख रहे हैं कि गेहूं और आटे की कीमतों में तेजी है. हम इस मुद्दे से अवगत हैं. सरकार द्वारा विभिन्न विकल्पों की तलाश की जा रही है और बहुत जल्द हम अपनी प्रतिक्रिया देंगे.' सचिव ने कहा था कि एफसीआई के गोदामों में गेहूं और चावल का पर्याप्त स्टॉक है. घरेलू उत्पादन में मामूली गिरावट और केंद्रीय पूल के लिए एफसीआई की खरीद में तेज गिरावट के बाद कीमतों को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.

भारत का गेहूं उत्पादन फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई-जून) में पिछले वर्ष के 10 करोड़ 95.9 लाख टन से घटकर 10 करोड़ 68.4 लाख टन रह गया, जो कुछ उत्पादक राज्यों में गर्मी की लू चलने के कारण हुआ. पिछले साल के लगभग 4.3 करोड़ टन की खरीद के मुकाबले इस साल खरीद 1.9 करोड़ टन रह गई है. चालू रबी (सर्दियों में बोई जाने वाली) ऋतु में गेहूं की फसल का रकबा थोड़ा अधिक है. नई गेहूं फसल की खरीद अप्रैल, 2023 से शुरू होगी.