Modi Government: 1 करोड़ वर्कर्स के पेंशन का होगा इंतज़ाम, मोदी सरकार का नया प्लान

नई दिल्ली: अगर आप भी जोमैटो स्विगी ओला या उबर जैसी कंपनियों में काम कर रहे हैं तो सरकार ने आपके लिए जबरदस्त खबर दी है! मोदी सरकार (Modi Government) अब एक करोड़ गिग वर्कर्स (Gig Workers) को पेंशन (Pension) देने की योजना बना रही है। यानी अब सिर्फ डिलीवरी या कैब चलाने से ही नहीं बल्कि रिटायरमेंट के बाद भी आपको एक तय इनकम मिलेगी।
क्या है सरकार का मास्टर प्लान?
बीते 1 फरवरी को बजट (Budget 2025) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने ऐलान किया था कि गिग वर्कर्स के लिए हेल्थ बेनिफिट (Health Benefits) और सामाजिक सुरक्षा (Social Security) की व्यवस्था की जाएगी। अब इस दिशा में सरकार एक कदम आगे बढ़ गई है। लेबर मिनिस्ट्री (Labour Ministry) ने बताया कि जल्द ही इस योजना को केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा।
इसके तहत ऑनलाइन प्लेटफॉर्म (Online Platforms) से जुड़े वर्कर्स की हर ट्रांजैक्शन से एक निश्चित राशि काटी जाएगी जो उनकी पेंशन फंड (Pension Fund) में जाएगी। यानि जैसे ही आप एक राइड पूरी करेंगे या कोई ऑर्डर डिलीवर करेंगे उसमें से कुछ हिस्सा आपकी सुरक्षित भविष्य की गारंटी के लिए अलग कर दिया जाएगा।
गिग वर्कर्स की बल्ले-बल्ले
अब तक फ्रीलांसर (Freelancer) डिलीवरी ब्वॉय (Delivery Boys) कैब ड्राइवर (Cab Drivers) और दूसरे गिग वर्कर्स को किसी भी तरह की पेंशन या हेल्थ बेनिफिट नहीं मिलता था। लेकिन इस नई योजना से ये भी सरकारी कर्मचारियों की तरह रिटायरमेंट के बाद आराम से जीवन जी सकेंगे।
मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक श्रमिकों को रिटायरमेंट के समय दो ऑप्शन दिए जाएंगे—
वे जमा राशि पर मिलने वाले ब्याज को पेंशन (Pension) के रूप में ले सकते हैं।
या फिर संचित धनराशि को एक निश्चित अवधि में बराबर किस्तों में बांटकर लिया जा सकता है।
अभी तक ये तय नहीं हुआ है कि वर्कर्स के वेतन का कितना हिस्सा इस योजना के लिए काटा जाएगा लेकिन इतना जरूर तय है कि इससे लाखों लोगों का भविष्य सुरक्षित हो जाएगा।
जोमैटो-स्विगी पर असर?
जोमैटो (Zomato) स्विगी (Swiggy) ओला (Ola) और उबर (Uber) जैसी कंपनियां अब अपने कर्मचारियों की कमाई में से एक छोटा हिस्सा सामाजिक सुरक्षा योजना (Social Security Scheme) के लिए काटेंगी। यानी अब हर डिलीवरी और हर राइड के साथ वर्कर्स की पेंशन में भी योगदान होगा।
ये नियम सिर्फ डिलीवरी ब्वॉय और ड्राइवर्स पर ही नहीं बल्कि दूसरे गिग वर्कर्स जैसे—
- ऐप बेस्ड टीचर्स
- ऑनलाइन कंसल्टेंट्स
- फ्रीलांसर राइटर्स
- डिजिटल मार्केटर्स
पर भी लागू हो सकता है।
बजट में हुआ था ऐलान
बजट 2025 में वित्त मंत्री ने कहा था कि ई-श्रम प्लेटफॉर्म (E-Shram Platform) पर गिग वर्कर्स का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा और उन्हें पीएम जन आरोग्य योजना (PM Jan Arogya Yojana) का लाभ भी मिलेगा। यानी अब न सिर्फ पेंशन बल्कि हेल्थ केयर (Healthcare) भी मिलेगा।
गिग इकोनॉमी (Gig Economy) पिछले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ी है। भारत में लाखों लोग अब फुल टाइम जॉब की जगह फ्रीलांसिंग (Freelancing) को अपना रहे हैं। ऐसे में इस योजना से करोड़ों लोगों को फायदा होगा।
गिग वर्कर्स का क्या कहना है?
कुछ गिग वर्कर्स ने इस फैसले पर खुशी जताई है जबकि कुछ का कहना है कि इससे उनकी नेट इनकम (Net Income) कम हो सकती है। एक जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय ने कहा अभी तो रोज़ की कमाई से ही घर चलाना मुश्किल हो रहा है ऊपर से अगर कुछ कटने लगा तो और मुश्किल हो जाएगी।
वहीं एक उबर ड्राइवर ने कहा अगर रिटायरमेंट के बाद पेंशन मिलेगी तो ये अच्छी बात है लेकिन सरकार को यह भी देखना चाहिए कि हमें अभी की कमाई में ज्यादा असर न हो।
क्या कहती है सरकार?
व्यय सचिव (Expenditure Secretary) मनोज गोविल ने बताया कि सरकार इस योजना के सभी पहलुओं पर विचार कर रही है। हो सकता है कि यह योजना पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा चलाई जाए या फिर केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर 60:40 अनुपात में इसे फंड करें।
अगर ये योजना लागू हो जाती है तो भारत पहला ऐसा देश बन जाएगा जहां गिग वर्कर्स के लिए इस तरह की पेंशन योजना होगी।
क्यों जरूरी है यह योजना?
भारत में लाखों लोग अब पारंपरिक नौकरी (Traditional Job) छोड़कर गिग वर्किंग (Gig Working) को अपना रहे हैं। लेकिन इसकी सबसे बड़ी समस्या यह है कि इसमें किसी भी तरह की जॉब सिक्योरिटी (Job Security) नहीं होती। अगर किसी कारण से कोई वर्कर काम न कर पाए तो उसकी आमदनी भी रुक जाती है।