Petrol Diesel Prices Update: तेल कंपनियों का घटा घाटा, अब सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल

Times Haryana, नई दिल्ली: देश में जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल सकती है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट को देखते हुए देश की ऑयल मार्केटिंग कंपनियां (ओएमसी) जल्द ही पेट्रोल और डीजल के दामों में कटौती कर सकती हैं। वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें पिछले 17 महीनों में रिकॉर्ड निचले स्तर पर आ गई हैं, जिससे तेल कंपनियों के नुकसान की भरपाई हो रही है और तेल कंपनियों की वित्तीय स्थिति सामान्य होने के करीब है।
ईंधन के दाम कम होंगे
तेल कंपनी के सूत्रों के मुताबिक, तेल कंपनियां तिमाही में सकारात्मक नतीजों के बाद पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम करने पर विचार कर सकती हैं, क्योंकि इन कंपनियों को अब ईंधन में अंडर-रिकवरी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
बीते दिनों खबर आई थी कि सऊदी अरब एशियाई देशों को बेचे जाने वाले तेल की कीमतों में कटौती कर सकता है। तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक प्लस की 3-4 जून को होने वाली बैठक से ठीक पहले यह खबर आई।
पहले माना जा रहा था कि ओपेक प्लस देश फिर से तेल उत्पादन में कटौती पर राजी हो जाएंगे। लेकिन रूस एशियाई तेल बाजार में काफी कम कीमतों पर तेल बेच रहा है, इस प्रकार सऊदी राजशाही को चुनौती दे रहा है। सऊदी अरब भी एशियाई देशों को बेचे जाने वाले तेल की कीमत में कटौती करने को मजबूर है।
रॉयटर्स समाचार एजेंसी के सर्वेक्षण के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी तेल कंपनी सऊदी अरामको जुलाई में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 1 डॉलर प्रति बैरल की कटौती कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो जुलाई में अरेबियन लाइट क्रूड की कीमत ओमान और दुबई तेल की कीमतों के औसत से 1.55 डॉलर प्रति बैरल कम होगी, जो पिछले 17 महीनों में रिकॉर्ड स्तर पर कच्चे तेल की सबसे कम कीमत होगी।
सऊदी अरब रूस से कमजोर होगा
सऊदी अरब कभी एशियाई तेल बाजार का बादशाह था लेकिन रूस की वजह से तेल बाजार में उसे काफी नुकसान हुआ है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आर्थिक प्रतिबंधों को झेल रहा रूस, भारत और चीन को भारी मात्रा में तेल काफी रियायती दरों पर बेच रहा है, जिससे सऊदी अरब को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है।