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Kurukshetra Foundation Day: धर्म नगरी के 50 साल; 1973 हुई थी स्थापना, जाने जिले की खासियत..

कुरुक्षेत्र स्थापना दिवस: 23 जनवरी, 1973 को करनाल जिले का विभाजन किया गया था, और दूसरे जिले कुरुक्षेत्र को बनाया गया था। कुरुक्षेत्र को पहले थानेसर या स्थानेश्वर कहा जाता था। थानेसर नाम संस्कृत के 'स्थानेश्वर' से लिया गया था, 
 
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हरियाणा में कभी करनाल जिले का एक हिस्सा रहे कुरुक्षेत्र को जिला के रूप में आज 50 साल हो गए हैं। आज के दिन ही वर्ष 1973 में इसे प्रदेश का दसवां जिला बनने का गौरव हासिल हुआ था। उस समय का सिमटा सा कुरुक्षेत्र आज 50 वर्ष के अपने इस सफर में समय के साथ कदम से कदम मिलाते हुए न केवल दूसरे जिलों को हर क्षेत्र में टक्कर दे रहा है बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुका है। आज हर कोई कुरुक्षेत्र को देखने से लेकर यहां रहने तक के लिए लालायित है। शिक्षा से लेकर स्वास्थ्य व हर क्षेत्र में प्रगति कर चुका कुरुक्षेत्र अब पर्यटन हब बन रहा है लेकिन औद्योगिक तौर पर पिछड़ेपन की टीस लोगों में आज भी है।

पहले कुरुक्षेत्र तथा कैथल करनाल जिले का हिस्सा थे तो उस समय कुरुक्षेत्र थानेसर के तौर पर सब-डिवीजन ही था। लोगों को अपने कार्यों के लिए करनाल जाना पड़ता था, लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री स्व. गुलजारी लाल नंदा ने कुरुक्षेत्र को लेकर सपने संजोए हुए थे और उन्हीं के प्रयास से कुरुक्षेत्र को जिले का दर्जा मिल पाया।

ब्रह्मसरोवर झील कुरुक्षेत्र , Brahmasarovar Lake Kurukshetra

माना जाता है कि कुरुक्षेत्र का नाम राजा कुरु के नाम पर रखा गया था, जोकि महाभारत में पांडवों और कौरवों के पूर्वज थे। कुरुक्षेत्र की पौराणिक सीमा 48 कोस की मानी गई है। इसमें बहुत से तीर्थ स्थल शामिल हैं। कुरुक्षेत्र के अतिरिक्त कैथल, करनाल, पानीपत और जींद का क्षेत्र शामिल है।

ज्योतिसर सरोवर कुरुक्षेत्र। Jyotisar Sarovar Kurukshetra

कुरुक्षेत्र जिला हरियाणा राज्य के उत्तर-पूर्वी भाग में स्थित है। कुरुक्षेत्र की सीमा अंबाला, करनाल, यमुना नगर, कैथल और पंजाब के पटियाला की सीमा से लगती है। यह जिला 1530 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। राज्य के कुल क्षेत्रफल में इसका क्षेत्रफल 3.46 प्रतिशत है।

स्थानेश्वर महादेव मन्दिर कुरुक्षेत्र , Sthaneshwar Mahadev Temple Kurukshetra

स्थानेश्वर महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं। माना जाता है कि स्थानेश्वर महादेव मंदिर यात्रा किए बिना कुरुक्षेत्र की यात्रा अधूरी मानी जाती हैं।

शेख चिल्ली का मकबरा कुरुक्षेत्र, Tomb of Sheikh Chilli Kurukshetra

कुरुक्षेत्र के पास स्थित एक विशाल परिसर हैं। जिसमें मुगल गार्डन, दो कब्रें, एक मदरसा और कई अन्य संरचनाएं विधमान हैं। शेख चिल्ली का नाम सूफी अब्द-उर-रहीम अब्दुल-करीम अब्द-उर-रजाक था लेकिन वह शेख चिल्ली के नाम से जाने गए।

राजा हर्ष का टीला कुरुक्षेत्र, Raja Harsh Ka Tila Kurukshetra

जा हर्ष का टीला लगभग एक किलोमीटर लंबा है। टीले की खुदाई के दौरान राजा हर्षवर्धन के समय का पता चलता हैं जिनका शासन काल 7 वीं शताब्दी के दौरान का है। राजा हर्ष का टीला पुरातात्विक महत्व का है

श्रीकृष्ण संग्रहालय कुरुक्षेत्र, Shri Krishna Museum Kurukshetra

श्रीकृष्ण संग्रहालय भारतीय पौराणिक कथाओं और इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए एक आदर्श स्थान है। संग्रहालय में नक्काशी, प्राचीन मूर्तिकला, चित्रों और भूलभुलैया के माध्यम से टहलने, विशाल मूर्तियों और ड्योरामस जैसे प्रदर्शनों का एक विशाल संग्रह देखने को मिलता है।

भद्रकाली मंदिर कुरुक्षेत्र, Bhadrakali Temple Kurukshetra