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हरियाणा में सामान्य वर्ग के गरीब युवाओं के लिए खुशखबरी, अब सरकारी नौकरी में मिलेगा आरक्षण का लाभ

 
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Times Haryana, चंडीगढ़: हरियाणा में सामान्य वर्ग के युवाओं के लिए बड़ी खुशखबरी है। लंबित पड़ी सरकारी नौकरियों में आर्थिक रूप से कमजोर (ईपीबीजी) ऐसे वर्ग के युवाओं को जल्द नौकरी ज्वाइन करने का लाभ मिल सकता है। हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम में 46 ईपीबीजी युवाओं के नियुक्ति आदेश जारी होने से 18 विभागों के 165 युवाओं को भी राहत मिलने की उम्मीद है।

हरियाणा सरकार ने सामान्य जातियों के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश और सरकारी विभागों में नौकरियों के लिए यह आरक्षण शुरू किया था। इसके तहत ग्रुप ए और बी की नौकरियों के लिए 5% आरक्षण और ग्रुप सी और डी की नौकरियों के लिए 10% आरक्षण प्रदान किया गया। सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों में वैश्य (बनिये), ब्राह्मण, राजपूत और पंजाबी शामिल हैं।

इस आरक्षण के खिलाफ कई वर्षों तक हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को वहां अपील करने की सलाह दी क्योंकि ऐसे कई मामले सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. इसके अलावा 21 दिसंबर 2023 को हाईकोर्ट ने याचिका संख्या 28996/2023 अमित कुमार बनाम हरियाणा बिजली ट्रांसमिशन कॉर्पोरेशन को खारिज करते हुए प्रावधान किया कि सुप्रीम कोर्ट का कोई भी आदेश ऐसे सभी मामलों में मान्य होगा।

कानूनी विवाद के कारण इन लोगों के नियुक्ति आदेश जारी नहीं हो पा रहे थे। इनमें से अधिकांश वे लोग हैं जिन्होंने 2015 में सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन किया था, जिनके परिणाम समय-समय पर घोषित किए गए थे लेकिन सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण के प्रावधान के खिलाफ उच्च न्यायालय में मामले दायर किए गए थे, बाद में उनकी नियुक्ति पर तलवार लटक गई। .

सीएम मनोहर लाल ने करनाल में ब्राह्मण महासम्मेलन में सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए आरक्षण की घोषणा की थी और कहा था कि सरकार इसके कार्यान्वयन में आने वाली किसी भी कानूनी बाधा को हर संभव तरीके से दूर करेगी। इस बीच, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में राज्य सरकार की मजबूत पैरवी के बाद 46 ईपीबीजी युवाओं को नियुक्ति पत्र जारी कर दिए गए हैं जिनकी नियुक्तियां कानूनी बाधाओं के कारण लंबे समय से रुकी हुई थीं।

हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि तब तक सरकार चाहे तो इन लोगों को नौकरी पर रख सकती है. फिलहाल यह आदेश सिर्फ एक मामले में आया है. इसके आधार पर मनोहर सरकार अन्य विभागों की नियुक्तियों में महाधिवक्ता कार्यालय के माध्यम से जोरदार पैरवी करने की तैयारी कर रही है ताकि अन्य युवा भी सरकारी नौकरियों में शामिल हो सकें.