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हरियाणा में इन सरकारी बाबुओं की कमाई पर एक्शन, इन कर्मचारियों की संपत्ति होगी कुर्क

 
Naib Singh Saini

हरियाणा प्रदेश में (Naib Singh Saini) सरकार अब (corrupt officers) पर शिकंजा कसने के मूड में है। सरकारी धन का (fraud) करने वाले कर्मचारियों की अब खैर नहीं क्योंकि सरकार ने करोड़ों की हेरा-फेरी करने वाले चार कर्मचारियों की संपत्ति कुर्क करने का बड़ा फैसला लिया है।

इन कर्मचारियों की संपत्ति पर लटकी तलवार

हरियाणा के फरीदाबाद जिले में 50 करोड़ के (scam) का मामला सामने आया था जिसमें चार सरकारी कर्मचारियों ने जमकर खेल किया। अब सरकार ने इनकी (property) कुर्क करने का आदेश जारी कर दिया है।

फरीदाबाद के डी.डी.पी.ओ. कार्यालय पलवल में कार्यरत रहे आरोपी राकेश कुमार, शमशेर सिंह, सतपाल और तेजेन्द्र के खिलाफ यह बड़ी कार्यवाही की जा रही है। इन कर्मचारियों ने सरकारी धन को अपनी (personal investment) में बदल लिया, लेकिन अब इनके दिन फिरने वाले हैं।

गबन की रकम से खरीदी थी जमीन

अब ذरा इन लोगों की (chamatkari kahani) सुनिए। 22 करोड़ रुपये का गबन करने वाले राकेश कुमार ने अपने परिवार के नाम पर 20 एकड़ कृषि भूमि खरीदी। ऐसा लगता है कि (bhai sahab) ने खुद को जमींदार बनाने का सपना देख रखा था!

वहीं, शमशेर सिंह ने अपनी पत्नी के नाम पर कैथल जिले के कलायत में 3 एकड़ से अधिक जमीन खरीदी और 52 लाख रुपये कैश (cash) दिए। (Wow, cash transactions ka to alag hi swag hai!)

इसके अलावा शमशेर सिंह ने पंचकूला में 7 करोड़ रुपये की लागत से 2 प्लॉट भी खरीद लिए। दूसरी तरफ सतपाल ने उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के बरसाना में 70 लाख रुपये में एक प्लॉट खरीदा और इसमें से 62 लाख रुपये नकद दिए। (Cash ka game strong hai boss!)

अब होगी पूरी जायदाद की कुर्की

सरकार के आदेश के बाद एनसीबी (NCB) की टीम ने एक्शन में आते हुए इन चारों कर्मचारियों की संपत्ति को जब्त करने की कार्यवाही शुरू कर दी है। मतलब अब ना (money power) काम आएगी ना (political connection), क्योंकि सरकार (zero tolerance policy) के तहत ऐसे घोटालेबाजों को सबक सिखाने पर आमादा है।

इस पूरे (scam) में एक और नाम सामने आया है – दीपक जो पलवल जिले का रहने वाला है। लेकिन (bhai sahab) अभी तक पुलिस के हाथ नहीं आए हैं। माना जा रहा है कि उनकी गिरफ्तारी भी जल्द होगी।

सरकारी घोटालेबाजों की अब खैर नहीं

हरियाणा में भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने के लिए सरकार सख्त कदम उठा रही है। सरकारी खजाने से अपनी (personal savings) बनाने वालों को अब बख्शा नहीं जाएगा। यह मामला बाकी भ्रष्ट अफसरों के लिए (lesson) है कि अगर जनता के पैसे से ऐश करने की सोची तो (government action) से बचना नामुमकिन है!

आगे देखते हैं क्या इन घोटालेबाजों को (strict punishment) मिलती है या फिर (legal loopholes) का फायदा उठाकर ये (get away) कर जाते हैं! लेकिन एक बात तो तय है – अब (government officers) को भी डर लगने लगा होगा कि अगर चोरी पकड़ी गई, तो (assets freeze) होना तय है!