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हरियाणा में दौड़ेगी भारत की पहली हाइड्रोजन ट्रेन, जानें कहां से कहां और कब भरेगी हुंकार, जानें

 
Hydrogen Train
 

Times Haryana, चंडीगढ़: भारतीय रेलवे के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत हरियाणा के जींद और सोनीपत के बीच होगी। यह ट्रेन न केवल प्रदूषण मुक्त होगी, बल्कि यह भारतीय रेलवे के लिए एक तकनीकी क्रांति का प्रतीक बनेगी।

हाइड्रोजन ट्रेन का सफर: जींद से सोनीपत तक

यह ट्रेन हरियाणा के जींद और सोनीपत के बीच चलेगी। ट्रेन की कुल दूरी 90 किलोमीटर होगी और इसे तय करने में यह ट्रेन 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। भारतीय रेलवे ने इसे जनवरी 2025 से चालू करने का लक्ष्य रखा है।

यह पहली बार है जब देश में इतनी पर्यावरण-हितैषी ट्रेन को पटरियों पर उतारा जाएगा। इस ट्रेन से यात्रा करने पर न केवल समय की बचत होगी, बल्कि प्रदूषण का स्तर भी काफी हद तक कम होगा।

हाइड्रोजन ट्रेन की अनोखी खूबियां

1. पूरी तरह प्रदूषण मुक्त

यह ट्रेन कार्बन उत्सर्जन को पूरी तरह समाप्त करने में सक्षम होगी। यह हाइड्रोजन से चलती है और इसका उत्सर्जन केवल पानी के रूप में होता है। यह पर्यावरण की दृष्टि से एक बड़ा कदम है।

2. 1200 हॉर्सपावर की क्षमता

भारत की हाइड्रोजन ट्रेन की क्षमता 1200 हॉर्सपावर है। यह दुनिया में अब तक बनाई गई हाइड्रोजन ट्रेनों की तुलना में दोगुनी है। यह इसे अन्य ट्रेनों से कहीं ज्यादा शक्तिशाली और प्रभावी बनाती है।

3. 8 से 10 डिब्बों की सुविधा

इस ट्रेन में 8 से 10 डिब्बे होंगे, जो यात्रियों को आरामदायक यात्रा का अनुभव देंगे। यह न केवल स्पीड में तेज होगी, बल्कि आधुनिक सुविधाओं से भी लैस होगी।

4. समय की बचत

90 किलोमीटर की दूरी को यह ट्रेन महज कुछ ही समय में तय करेगी। यह उन यात्रियों के लिए बेहतरीन विकल्प साबित होगी जो समय की बचत करना चाहते हैं।

बाकी ट्रेनों से बेहतर कैसे है यह ट्रेन?

अब तक जो भी हाइड्रोजन ट्रेनें दुनिया में तैयार की गई हैं, उनकी क्षमता 600 से 700 हॉर्सपावर की होती है। लेकिन भारत में तैयार की गई यह ट्रेन 1200 हॉर्सपावर की है। यह इसे बाकी हाइड्रोजन ट्रेनों से दोगुना बेहतर बनाती है। इसके अलावा, इसकी गति, प्रदूषण मुक्त होने और आधुनिक सुविधाओं के कारण यह अन्य ट्रेनों से कई मायनों में बेहतर साबित होती है।

ट्रेन की तकनीक और संचालन

हाइड्रोजन ट्रेन पूरी तरह से आधुनिक तकनीक पर आधारित है। यह हाइड्रोजन फ्यूल सेल से चलती है, जो ऑक्सीजन और हाइड्रोजन को मिलाकर ऊर्जा उत्पन्न करता है। इससे ट्रेन का संचालन होता है और कार्बन उत्सर्जन पूरी तरह समाप्त हो जाता है। यह ट्रेन जीरो-एमिशन तकनीक का एक बेहतरीन उदाहरण है।

यात्रा के दौरान आराम और सुविधा

इस ट्रेन में यात्रियों को विशेष सुविधाएं दी जाएंगी। ट्रेन के डिब्बे हवादार और आधुनिक होंगे। इसमें बैठने की आरामदायक व्यवस्था होगी और लंबी यात्रा को भी सुगम बनाया जाएगा।

हाइड्रोजन ट्रेन के पर्यावरणीय फायदे

हाइड्रोजन ट्रेन न केवल प्रदूषण को खत्म करेगी, बल्कि यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगी। यह ट्रेन 90 किलोमीटर की यात्रा में लगभग 964 किलो कार्बन उत्सर्जन बचाएगी।

जनवरी 2025 से हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत

भारतीय रेलवे ने यह घोषणा की है कि यह ट्रेन 11 जनवरी 2025 से हरियाणा में दौड़ना शुरू करेगी। रेलवे के इस कदम को एक तकनीकी क्रांति माना जा रहा है। इससे न केवल ट्रेन यात्रा सस्ती और सुविधाजनक बनेगी, बल्कि यह पर्यावरण के लिए भी फायदेमंद होगी।