हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला, प्रदेश के 832 सरकारी स्कूल नहीं होंगे मर्ज, जानें बड़ा अपडेट
Times Haryana, चंडीगढ़: हरियाणा में 832 सरकारी स्कूलों के विलय का फैसला फिलहाल रोक दिया गया है। यह बात सीएम मनोहर लाल खट्टर ने कही है. फिलहाल शासन ने फाइल तलब कर ली है। इस साल पहले लोकसभा और फिर विधानसभा चुनाव हैं. ऐसे में राजनीतिक नुकसान से बचने के लिए सीएम खुद मामले की कमान संभाले हुए हैं.
सरकार की योजना स्कूलों के 3 किमी के दायरे में रहने वाले सभी छात्रों को परिवहन सुविधाएं प्रदान करने की है। इसके लिए विद्यालय के प्राचार्य एवं प्रबंधन समिति को अधिकृत किया गया है. सबसे खास बात यह है कि विभाग वाहन खर्च के लिए एक अलग स्कूल खाते में भुगतान करेगा।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार अब इस फैसले को टाल सकती है ताकि विपक्षी दलों को शिक्षा के नाम पर कोई मुद्दा न मिले. इससे पहले सरकार ने इन स्कूलों को दूसरे स्कूलों में मर्ज करने की पूरी तैयारी कर ली थी. इसके लिए 7349 बच्चों की सूची भी तैयार की गयी. सरकार पूर्व में मर्ज हुए स्कूलों के बच्चों को परिवहन सुविधा देने की तैयारी कर रही है, जिसमें स्कूल वाहन उपलब्ध कराएंगे। अगर ऐसा नहीं हुआ तो बच्चों का किराया सरकार देगी.
पूर्व में मर्ज किये गये स्कूलों के बच्चों को परिवहन सुविधा मिलेगी. सरकार ने पहले मर्ज किए गए स्कूलों के बच्चों और उनके अभिभावकों की नाराजगी दूर करने की भी रणनीति बनाई है। उन्हें परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है.
शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल ने सभी निदेशकों को परिवहन सुविधा जल्द से जल्द पूरी करने के सख्त निर्देश जारी किये हैं. सरकार फरवरी से मुफ्त परिवहन सुविधा देने की तैयारी कर रही है. हरियाणा रोडवेज की बसों से लेकर ऑटो तक स्कूल वाहनों को किराये पर लेने की जिम्मेदारी स्कूल प्रमुख की होगी।