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पेंशन को लेकर हरियाणा सरकार ने किया बड़ा ऐलान; अगले महीने से इन लोगों को नहीं मिलेगा लाभ

 
CM Manohar Lal Khattar

Times Haryana, चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री माननीय मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में एक बड़ी घोषणा की है जिसका प्रभाव समाज के कई अलग-अलग वर्गों पर पड़ेगा। घोषणा के मुताबिक, अधिक आय अर्जित करने वाले लोगों को अब सरकारी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा. हम आपको विवरण प्रदान करेंगे कि इस परिवर्तन का उद्देश्य क्या है और इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ सकता है।

यह घोषणा कई विवादों का विषय रही है, और लोग इसके परिणामस्वरूप उत्तराधिकारियों के साथ आई निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे हैं। कुछ लोग इसे नैतिकता के नजरिये से देख रहे हैं तो कुछ लोग इसे जरूरी बदलाव के तौर पर स्वागत कर रहे हैं.

इस घोषणा के पीछे एक महत्वपूर्ण प्रश्न है - क्या न्यूनतम आय सीमा के रूप में निर्धारित आय ₹10,000 प्रति माह से अधिक होनी चाहिए? यहां हम प्रश्न का परिचय देंगे:

न्यूनतम आय सीमा की आवश्यकता के पीछे एक महत्वपूर्ण दायित्व है - सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाना। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल वे लोग जो आर्थिक रूप से सबसे अधिक वंचित हैं, उन्हें ही पेंशन का लाभ मिलेगा, न कि उन्हें जो मजबूत वित्तीय स्थिति में हैं। यह समाज में समानता का माध्यम हो सकता है और जिम्मेदारी की भावना का संचार कर सकता है।

हमें इस नई नीति के प्रभाव को समझने के लिए और अधिक समय की आवश्यकता है, और वास्तव में हमारे पास यह देखने के लिए भी समय होना चाहिए कि यह वास्तव में कैसे काम करती है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने साफ कर दिया है कि हरियाणा सरकार अब सरकारी पेंशन के लिए आवेदन करने वालों की आय पर नजर रखेगी। इसका मतलब यह है कि जिन लोगों को पेंशन की जरूरत है उनकी आय निर्धारित की जाएगी और उनकी आय के आधार पर पेंशन की राशि तय की जाएगी।

नई घोषणा के तहत, अधिक आय वाले जिनकी आय प्रति माह 10,000 रुपये से अधिक है, उन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा। इसका मतलब यह है कि जो लोग इस आय सीमा के भीतर हैं वे सरकारी पेंशन का लाभ उठा सकते हैं। इस फैसले के तहत सरकार ने यह साबित करने की कोशिश की है कि पेंशन का लाभ केवल उन्हीं लोगों को मिलना चाहिए जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं।

न्यूनतम आय सीमा का निर्धारण विवेकपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए। यह निर्धारण न केवल आय की राशि के साथ, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक परिपक्वता, परिवार के आकार और अन्य संविदात्मक अधिकारियों के साथ भी किया जाना चाहिए।

इस घोषणा के परिणामस्वरूप उच्च आय अर्जित करने वाले लोग सरकारी पेंशन लाभ नहीं उठा पाएंगे। इसका मतलब यह है कि सरकार अपने संसाधन उन लोगों को देगी जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, और जिनकी वित्तीय स्थिति कमजोर है। साथ ही यह फैसला सामाजिक न्याय, आर्थिक रूप से कमजोर और पिछड़े वर्गों को सहारा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।