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इन 23 हजार BPL परिवारों को अब नहीं मिलेगा फ्री राशन, सैनी सरकार ने जारी किए आदेश

 
new year surprise

हरियाणा में नए साल के मौके पर (new year surprise) के तौर पर 23 हजार बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों के लिए बड़ा बदलाव हुआ है। ये परिवार अब गरीबी रेखा से बाहर हो गए हैं, जिससे केंद्र सरकार द्वारा मिलने वाला मुफ्त राशन बंद कर दिया गया है। इस बार सबसे ज्यादा खुशखबरी हिसार जिले के लोगों को मिली है, जहां 10 हजार से भी ज्यादा परिवारों ने गरीबी रेखा को अलविदा कह दिया है।

हिसार वालों ने मारी बाजी

हिसार जिले में सबसे ज्यादा परिवार गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। सरकार के आंकड़ों के अनुसार, प्रदेश में कुल 52 लाख 916 बीपीएल परिवार थे, जो अब घटकर 51 लाख 78 हजार हो गए हैं। हिसार के लोग अब (किचन की टेंशन) से मुक्त हो गए हैं और शायद नए साल पर (celebration mood) में होंगे।

लेकिन ये खुशी पूरे प्रदेश की कहानी नहीं है। कुछ जिलों में गरीब परिवारों की संख्या में इजाफा भी हुआ है। करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत जैसे जिलों में बीपीएल परिवारों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। इन तीन जिलों में कुल 2632 नए बीपीएल परिवार जुड़े हैं। मतलब, (growth rate) का मतलब हर जगह खुशियां नहीं लाया।

बीपीएल की परिभाषा

बीपीएल परिवारों की श्रेणी में वे आते हैं जिनकी सालाना आय एक लाख 80 हजार रुपये तक होती है। यह सीमा तय करती है कि कौन सरकार की विशेष योजनाओं का लाभ उठा सकता है। लेकिन जैसे ही परिवार की आय बढ़ती है, सरकार की सुविधाएं बंद हो जाती हैं। इसलिए यह बदलाव जितना खुशी लाता है, उतनी ही टेंशन भी देता है।

किन जिलों में चिंताएं?

हरियाणा के 19 जिलों में बीपीएल परिवारों की संख्या में कमी आई है। सबसे ज्यादा हिसार ने बाजी मारी है, लेकिन करनाल, कुरुक्षेत्र और पानीपत में बीपीएल परिवारों की संख्या में वृद्धि हुई है। इससे ये तीन जिले सरकार की योजनाओं पर और अधिक निर्भर हो गए हैं।

करनाल, जो हरियाणा के महत्वपूर्ण जिलों में से एक है, वहां गरीबी रेखा के नीचे आने वाले परिवारों की संख्या में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। कुरुक्षेत्र, जिसे धार्मिक नगरी के रूप में जाना जाता है, वहां भी गरीबी की रेखा का विस्तार हुआ है। वहीं, पानीपत का हाल भी कुछ ऐसा ही है।

बीपीएल परिवारों को क्या-क्या मिलता है?

बीपीएल परिवारों को सरकार की ओर से तमाम सुविधाएं मिलती हैं। हर महीने प्रति व्यक्ति 5 किलो अनाज, 2 लीटर सरसों का तेल, और 1 किलो चीनी जैसे राशन सामग्री दी जाती है। इसके अलावा उज्ज्वला योजना के तहत रसोई गैस सिलेंडर और चिरायु-आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का निशुल्क इलाज भी इन परिवारों को दिया जाता है।

सरकार ने ग्रामीण इलाकों में बीपीएल परिवारों को 100 गज का प्लॉट देने की घोषणा भी कर रखी है। यह सुविधा कई गरीब परिवारों के लिए (dream come true) साबित हो रही है।

फ्री राशन बंद होने पर क्या होंगे इफेक्ट्स?

जो परिवार गरीबी रेखा से बाहर आ गए हैं, उनके लिए खुशी के साथ-साथ थोड़ी टेंशन भी आई है। क्योंकि अब उन्हें मुफ्त राशन नहीं मिलेगा। (Monthly budget) में अब अनाज, तेल और चीनी का खर्च जोड़ना होगा। इसके अलावा उज्ज्वला योजना के तहत मिलने वाला सिलेंडर और मुफ्त इलाज की सुविधा भी खत्म हो जाएगी।

हालांकि, कई लोगों का मानना है कि यह बदलाव उनकी (financial independence) को दर्शाता है। इससे वे आत्मनिर्भर बनने की ओर कदम बढ़ा सकते हैं।

गरीबी से बाहर आने की वजहें

सरकार के अधिकारियों के अनुसार गरीब परिवारों की आय में वृद्धि के कई कारण हो सकते हैं। स्वरोजगार योजनाओं, महिला सशक्तिकरण कार्यक्रमों और ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनाओं के कारण परिवारों की आय बढ़ी है। साथ ही खेती में सुधार और छोटे व्यवसायों के विकास ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

हिसार जिले के एक परिवार ने बताया पहले हमें सरकार से मदद लेनी पड़ती थी, लेकिन अब हमारा खुद का बिजनेस चल गया है। अब हम अपना राशन खुद खरीद सकते हैं।